New Step by Step Map For apsara sadhna
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आत्मिक ऊर्जा को जागृत करें, पूरी जानकारी
It can be crucial so that you can be clean right before doing the Sadhana. Consequently, have a bath with rock salt h2o (incorporate A few rocksalt into your bucket of drinking water after which have a bath) so that you are don't just externally cleaned, but internally cleansed at the same time.
सोंदर्य एवं आकर्षण शक्ति प्राप्ति महा मोहिनी साधना
रिद्धि सिद्धि शाबर मंत्र साधना भगवन गणपति की प्राचीन साधना
१८ से लेकर ६०-७० वर्ष के बीच के व्यक्ति अप्सरा साधना कर सकते हैं।
अप्सरा और परी दोनों ही हिन्दू मिथकों और पौराणिक कथाओं में उल्लेखित स्वर्गीय स्त्री देवियां हैं, लेकिन इनके बीच भिन्नता है। यहां अप्सरा और परी में कुछ मुख्य अंतर हैं:
पूजा और उपासना: साधक को अप्सरा साधना में पूजा और उपासना का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों को प्रसन्न करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
आकार: अप्सराएं आमतौर पर मानव आकार में होती हैं, लेकिन उनकी आकारिक सौंदर्यता अत्यधिक होती है। उनकी ऊर्वसी शक्तियां उन्हें सुंदरता और आकर्षण में अनुभव कराती हैं।
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अप्सरा साधना के दुष्परिणामों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को सच्ची और समझदारी से इसके प्रभाव का अनुमान लगाने में मदद मिल सके। कुछ दुष्परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं:
सौंदर्य: अप्सराएं अत्यंत सुंदर होती हैं और उनकी सौंदर्य शक्ति किसी भी व्यक्ति को अच्छे apsara sadhna बना सकती है।
इन सभी लाभों के साथ, अप्सरा साधना साधक को आत्मिक शांति, संतुलन, और समृद्धि का अनुभव कराती है जो कि उसे आत्मिक संवाद के माध्यम से मिलता है। इस साधना में विशेष तरीके से आनंद, समृद्धि, और स्वास्थ्य के लिए आत्मा को प्रकट करने का मार्ग दिखाया जाता है।
अप्सरा साधना में कई तकनीकें होती हैं जो साधकों को अप्सरा देवियों के संग संवाद करने का अभ्यास कराती हैं और उन्हें आत्म-सम्मोहन और आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं। यहां कुछ मुख्य अप्सरा साधना की तकनीकें हैं:
इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।